ब्लॉग- हरिद्वार के प्रमुख धार्मिक स्थल और उनकी पौराणिक कथा हरिद्वार, जिसे देवभूमि भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्थाओं का केंद्र है, बल्कि इसे मोक्ष प्राप्ति का द्वार भी माना जाता है। यहाँ गंगा का पवित्र जल, अनेक प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। हरिद्वार का धार्मिक महत्व और पौराणिक कथाओं से जुड़ी इसकी अनूठी यात्रा श्रद्धालुओं को आध्यात्मिकता और भक्ति के मार्ग पर ले जाती है। इस ब्लॉग में हम हरिद्वार के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे चण्डी देवी मंदिर, मनसा देवी मंदिर, हर की पौड़ी, और बाबा हठयोगी जी के प्रेम आश्रम का वर्णन करेंगे। चण्डी देवी मंदिर: माँ चण्डी का दिव्य निवास हरिद्वार में स्थित चण्डी देवी मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर नील पर्वत पर स्थित है और माँ चण्डी को समर्पित है। पौराणिक कथा के अनुसार, माँ चण्डी ने इसी स्थान पर असुर राज शुम्भ-निशुम्भ का वध किया था। इसी कारण, यह स्थान शक्ति की प्रतीक माँ चण्डी को समर्पित है और उनकी पूजा के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। माँ चण्डी देवी की पूजा से भक्तों को शक्ति, साहस और आशीर्वाद प्राप्त होता है। यहाँ तक पहुँचने के लिए रोपवे का भी उपयोग किया जा सकता है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक खास आकर्षण है। परंपरागत रूप से, भक्त बाबा हठयोगी जी के प्रेम आश्रम में स्थित संकल्प सिद्ध हनुमान मंदिर में दर्शन करके चण्डी देवी के दर्शन के लिए जाते हैं। यह मान्यता है कि हनुमान जी महाराज के आशीर्वाद के बिना चण्डी देवी मंदिर की यात्रा अपूर्ण मानी जाती है। संकल्प सिद्ध हनुमान मंदिर में हनुमान जी से अनुमति लेकर चण्डी देवी के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। मनसा देवी मंदिर: मनोकामनाओं की पूर्ति का स्थान हरिद्वार का मनसा देवी मंदिर भी अत्यंत प्रसिद्ध है। यह मंदिर बिलवा पर्वत पर स्थित है और माँ मनसा देवी को समर्पित है, जो नाग राजा वासुकी की बहन मानी जाती हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहाँ मनसा देवी के दर्शन से उनकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। यहाँ आने वाले भक्त माँ के समक्ष अपने मन की मुराद रखते हैं और माँ उनकी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं। मान्यता है कि माँ मनसा देवी भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ति करती हैं, चाहे वे कितनी भी कठिन क्यों न हों। मंदिर तक पहुँचने के लिए रोपवे का उपयोग किया जा सकता है, जो न केवल आसान है बल्कि भक्तों को अद्भुत नज़ारे भी दिखाता है। हर की पौड़ी: मोक्ष का द्वार हर की पौड़ी हरिद्वार का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थान है। यह गंगा के तट पर स्थित है और यहीं पर गंगा नदी पृथ्वी पर अवतरित होती है। पौराणिक कथा के अनुसार, यहाँ भगवान विष्णु ने अपने चरण रखे थे, इसलिए इसे "हर की पौड़ी" कहा जाता है। हर की पौड़ी पर गंगा आरती का आयोजन हर रोज़ सायंकाल किया जाता है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव होता है। यहाँ गंगा स्नान का विशेष महत्व है और मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हरिद्वार की यात्रा तब तक पूरी नहीं होती जब तक कि कोई भक्त हर की पौड़ी पर गंगा में स्नान नहीं कर लेता। बाबा हठयोगी जी का प्रेम आश्रम: आध्यात्मिकता का केंद्र हरिद्वार के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ ही बाबा हठयोगी जी का प्रेम आश्रम भी एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह आश्रम नीलधारा के किनारे स्थित है और यहाँ संकल्प सिद्ध हनुमान मंदिर, नवकुण्डीय यज्ञशाला, और गौरी शंकर गौशाला जैसी आध्यात्मिक धरोहरें हैं। बाबा हठयोगी जी, जो एक सिद्ध संत के रूप में जाने जाते हैं, हरिद्वार के प्रमुख संतों में से एक हैं। यहाँ भक्त हनुमान जी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और फिर चण्डी देवी मंदिर की यात्रा के लिए प्रस्थान करते हैं। प्रेम आश्रम का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ माँ चण्डीदेवी की अनुमति और आशीर्वाद लेने के लिए पहले हनुमान जी महाराज के दर्शन करना आवश्यक माना जाता है। बाबा हठयोगी जी के सान्निध्य में आने से भक्तों को शांति, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। इस आश्रम में हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना और यज्ञों का आयोजन होता है, जिसमें भाग लेकर श्रद्धालु अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करते हैं। निष्कर्ष हरिद्वार के ये धार्मिक स्थल न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था के केंद्र हैं, बल्कि इनकी पौराणिक कथाएँ और धार्मिक महत्व उन्हें आध्यात्मिकता से जोड़ते हैं। चण्डी देवी, मनसा देवी, हर की पौड़ी, और बाबा हठयोगी जी के प्रेम आश्रम जैसे स्थल न केवल धर्म, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति के द्वार हैं। इन स्थलों की यात्रा करने से भक्तों को आंतरिक शांति, आध्यात्मिक ऊर्जा, और जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। आइए, हरिद्वार के इन पवित्र स्थलों की यात्रा करें और अपने जीवन को माँ गंगा और देवताओं के आशीर्वाद से पवित्र बनाएं।
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