बाबा हठयोगी जी महाराज, भारत के एक प्रसिद्ध सिद्ध संत और समाज सुधारक हैं, 75 वर्षीय बाबा जी का जीवन पूर्णतः तपस्या, सेवा और समाज के उत्थान के लिए समर्पित है। उन्होंने अपने जीवन में कई धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं की स्थापना और नेतृत्व किया है, जिनके माध्यम से वे समाज की सेवा, गौ सेवा, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण का कार्य कर रहे हैं। हरिद्वार और देहरादून के धार्मिक और सामाजिक जीवन में बाबा जी का योगदान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
बाबा हठयोगी जी तीर्थ सेवा न्यास के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं, जिसका उद्देश्य तीर्थ स्थलों का विकास, पर्यावरण संरक्षण और समाज की भलाई के लिए कार्य करना है। न्यास के माध्यम से बाबा जी गंगा और अन्य पवित्र नदियों की स्वच्छता, गौ संरक्षण, तथा धार्मिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए प्रयासरत हैं। उनका मानना है कि तीर्थ स्थल केवल पूजा के केंद्र नहीं, बल्कि समाज और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने का साधन भी हैं।
गौ सेवा के प्रति बाबा हठयोगी जी की असीम निष्ठा और समर्पण गौरी शंकर मंदिर गौशाला ट्रस्ट के अध्यक्ष पद पर स्पष्ट रूप से दिखता है। उनके नेतृत्व में इस गौशाला में सैकड़ों गायों की सेवा की जा रही है। बाबा जी का मानना है कि गौ माता की सेवा से समाज में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिकता का संचार होता है। वे गौ सेवा को मानवता की सेवा मानते हैं और इसे अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाते हैं।
श्री पीपा पीठ, हरिद्वार के पीठाचार्य के रूप में बाबा हठयोगी जी का कार्य आध्यात्मिक मार्गदर्शन और संतों के संगठनों के नेतृत्व में महत्वपूर्ण है। वे संत परंपराओं के संवर्धन और अनुयायियों को धर्म, भक्ति और सेवा का मार्ग दिखाने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। उनका जीवन पीपा पीठ की महान परंपराओं का संरक्षण और उसे आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है।
बाबा हठयोगी जी महाराज नीलधारा, चण्डीघाट स्थित बाबा हठयोगी आश्रम के परमाध्यक्ष हैं। यह आश्रम न केवल साधकों के लिए एक साधना स्थल है, बल्कि यहाँ से बाबा जी समाज सेवा, भोजन भंडारा और ग़रीब बच्चों की शिक्षा और विकास के कार्य भी संचालित करते हैं। आश्रम में हर दिन नित्य नमामि गंगे संध्या का आयोजन होता है, जिसमें गंगा की महिमा का गुणगान और आराधना की जाती है।
बाबा हठयोगी जी झाझरा, देहरादून स्थित श्री बाला जी धाम, श्री हनुमान जी महाराज मंदिर के संरक्षक हैं। इस मंदिर में उनकी उपस्थिति और मार्गदर्शन से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और उन्नति प्राप्त होती है। वे इस मंदिर के संचालन और विकास के लिए समर्पित हैं, और यहाँ नियमित रूप से धार्मिक अनुष्ठान, भंडारा और समाज सेवा के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
गरूड़ आश्रम के संरक्षक के रूप में बाबा हठयोगी जी महाराज धार्मिक और आध्यात्मिक जागरण के प्रयासों में जुटे हुए हैं। आश्रम में उनके नेतृत्व में आध्यात्मिक साधना और योग का अभ्यास कराया जाता है। यहाँ भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन के उच्च मूल्यों की शिक्षा दी जाती है।