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प्रेम आश्रम, हरिद्वार: एक सिद्ध भूमि, जहाँ दिव्यता और सरलता का संगम होता है

हरिद्वार की पावन धरा पर स्थित प्रेम आश्रम एक ऐसा आध्यात्मिक स्थल है, जहाँ श्रद्धालु न केवल भगवान के दर्शन करते हैं, बल्कि जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति और मनोकामनाओं की सिद्धि की अनुभूति भी करते हैं। यह आश्रम सैंकड़ों वर्षों से तपस्वियों और संतों की साधना भूमि रहा है, और वर्तमान में बाबा हठयोगी जी महाराज के संरक्षण में है, जिन्हें श्रद्धालु "सिद्ध बाबा" के नाम से भी जानते हैं। उनकी दिव्यता और सरलता इस आश्रम की शक्ति और आभा को और बढ़ाती है।

प्रेम आश्रम: आध्यात्मिक केंद्र

प्रेम आश्रम में प्रवेश करते ही एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि सैंकड़ों वर्षों पूर्व के किसी ऋषि के आश्रम में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ आज भी भगवान शिव, हनुमान जी, और दैवीय शक्तियों का वास है। यहाँ आने वाला हर श्रद्धालु अपनी आत्मा की शांति और आंतरिक शक्ति की प्राप्ति करता है।

आश्रम में स्थित संकल्प सिद्ध हनुमान मंदिर एक विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहाँ की मान्यता है कि हनुमान जी को माँ चण्डीदेवी के सेनापति के रूप में पूजा जाता है, और यहाँ पूजा करने से सभी प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। श्रद्धालु संकल्प लेकर यहाँ पूजा करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं।

प्रमुख धार्मिक स्थल और सुविधाएँ

नवकुण्डीय यज्ञशाला: यह आश्रम का एक प्रमुख केंद्र है, जहाँ नियमित रूप से यज्ञ और हवन होते हैं। यहाँ हवन करने से न केवल आत्मिक शुद्धि होती है, बल्कि जीवन में आने वाली हर बाधा का भी निवारण होता है। कृपा वृक्ष: यह वृक्ष आश्रम में एक विशेष स्थान रखता है। मान्यता है कि इस वृक्ष के नीचे ध्यान और साधना करने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है। गौरी शंकर गौशाला: बाबा हठयोगी जी महाराज के निर्देशन में यहाँ सैंकड़ों निराश्रित गायों और नन्दी महाराज की सेवा की जाती है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु गौ सेवा करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। निःशुल्क भोजन भंडारा: आश्रम में हर दिन नि:शुल्क भोजन भंडारा आयोजित होता है, जिसमें श्रद्धालु अपने शरीर और आत्मा दोनों का पोषण प्राप्त करते हैं। यहाँ आने वाला हर व्यक्ति प्रेम और स्नेह से परिपूर्ण भोजन प्राप्त करता है। यात्रियों के रुकने की व्यवस्था: आश्रम में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए रुकने की उत्तम व्यवस्था है, जहाँ उन्हें हर प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं। चण्डी घाट और अन्य धार्मिक स्थल

प्रेम आश्रम से केवल कुछ कदम की दूरी पर हरिद्वार का सबसे सुंदर और विशाल चण्डी घाट स्थित है। यह घाट नीलधारा के तट पर स्थित है, जहाँ से मनसा देवी मंदिर और चण्डी देवी मंदिर दोनों समानांतर दिखते हैं। गंगा यहाँ मध्य में बहती है, जहाँ चण्डी, मनसा, और पार्वती देवी का निवास माना जाता है।

चण्डी घाट पर स्थित रानी मछला कुण्ड की एक रोचक पौराणिक कथा है। मान्यता है कि यहाँ एक समय रानी मछला स्नान करने आया करती थी। यहाँ स्नान करने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं, और पूजा-अर्चना से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

बाबा हठयोगी जी की सरलता और दिव्यता

बाबा हठयोगी जी महाराज की उपस्थिति इस आश्रम को और अधिक पवित्र बनाती है। बाबा जी का परिधान विशेष ध्यान आकर्षित करता है, क्योंकि वह बिना सिला हुआ लाल कपड़ा धारण करते हैं, जो उनकी सरलता का प्रतीक है। उनकी विनम्रता और दिव्यता एक अनोखी ऊर्जा को प्रतिबिंबित करती है, जिससे श्रद्धालु उनकी ओर सहज रूप से आकर्षित हो जाते हैं। बाबा जी का आशीर्वाद प्राप्त करना किसी भी व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है, क्योंकि उनके सान्निध्य में सभी कार्य सफल और सिद्ध हो जाते हैं।

प्रेम आश्रम का महत्व

हरिद्वार में प्रेम आश्रम केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आत्मा की शांति, मनोकामना सिद्धि, और मोक्ष प्राप्ति का केंद्र है। यहाँ हनुमान जी के संकल्प सिद्ध रूप में आराधना की जाती है, और बाबा हठयोगी जी के आशीर्वाद से श्रद्धालु अपनी हर समस्या का समाधान पाते हैं। इस आश्रम में सैंकड़ों वर्षों से चली आ रही तपस्या और साधना की परंपरा आज भी जीवंत है, और यहाँ आने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन को धन्य महसूस करता है। प्रेम आश्रम में आकर श्रद्धालु अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं, दिव्य अनुभव प्राप्त करते हैं, और बाबा जी के आशीर्वाद से जीवन की हर समस्या का समाधान प्राप्त करते हैं। यह स्थल हरिद्वार के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है, जहाँ सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।

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